आजादी के 72 वर्षों बाद बॉर्डर के आखिरी गांव अकली में पहुंचा पानी। Panawa...



आजादी के 72 वर्षों बाद बॉर्डर के आखिरी गांव अकली में पहुंचा पानी, ग्रामीणों की खुशी का नहीं ठिकाना। Panawara TV



बाड़मेर/गडरारोड। आजादी के 72 वर्ष बाद राजस्थान पत्रिका ने हरी हर मां की पीड़ा और देश की अंतिम सीमा तक पानी पहुंचाया।

धीया देवी की आंखों में आज खुशी के आंसू थे।

बॉर्डर के आखिरी गांव अकली में पानी को लेकर महिलाओं का संघर्ष आजादी के बाद से चलता रहा।

हर बार उनको आश्वासन मिले लेकिन पानी की सुविधा नहीं।

राजस्थान पत्रिका की टीम पुलवामा हमले के बाद बॉर्डर पर उपजे तनाव की रिपोर्टिंग को पहुंची तो सरहद से महज 5 किलोमीटर की दूरी पश्चिम सीमा के इस आखिरी गांव पहुंची तो धीया देवी सहित गांव की महिलाओं ने कहा कि युद्ध नहीं हमें तो पानी चाहिए।

महिलाओं की पीड़ा को उजागर किया, कि वे 15 से अब 75 साल की हो गई है लेकिन पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ।

पत्रिका ने इस पीड़ा को प्रमुखता से उजागर करते हुए उल्लेख किया कि मात्र 5 लाख का एक ट्यूबवेल इस गांव को मिल जाए तो पानी की समस्या हल हो जाए।

जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने इसे गंभीरता से लिया और ट्यूबवेल स्वीकृत किया।

लालफीताशाही की लम्बी जदोजहद के बीच अंततःशुक्रवार 11 मई को पानी का पहला परीक्षण हुआ।

पानी की पहली धार जैसे ही फूटी धीया देवी सहित महिलाओं की आंखों में खुशी का पानी था।

युवाओं के कदम नाचने लगे, बुजुर्गों ने जय कारे बोले और बच्चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

72 साल से मीलों पैदल चलकर पानी लाने वाली इन महिलाओं के घर के पास ट्यूबवेल से 24 घंटे पानी मिलेगा।

यह तोहफा उनके जीवन का सबसे अनमोल उपहार था।

गडरारोड़ से भीख भारती गोस्वामी की रिपोर्ट।

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