सरकारी विद्यालय जहां बस सुविधा और सीसीटीवी की नजर में पढ़ते हैं बच्चे। Pa...



सरकारी विद्यालय जहां बस सुविधा और सीसीटीवी की नजर में पढ़ते हैं बच्चे। Panawara TV



बाड़मेर जिले के बायतु उपखण्ड क्षेत्र का एक दृश्य जहां जोधपुरी पत्थर से निर्मित भव्य बिल्डिंग, हरा-भरा परिसर, कमरों में लगे सीसीटीवी कैमरें, स्कूल के अपने नियम कायदे हैं। जी हाँ यह नजारा बाड़मेर जिले के बायतु तहसील के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पूनियों का तला का हैं। स्कूल के सौंदर्य और अनुशासन को देख ऐसे लगता हैं कि यह स्कूल सरकारी नहीं प्राइवेट स्कूल हैं। सरकारी स्कूल में प्राइवेट की तर्ज पर सुविधाएं हैं। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं सीसीटीवी कैमरों की नजर में हैं। पिछले कई सालों से स्कूल का रिजल्ट भी बेहतर हैं, जबकि स्कूल में स्वीकृत पदों में केवल आधे शिक्षक ही कार्यरत हैं। आधुनिक सुविधायुक्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बच्चों के पढ़ने को लेकर होड़ मची हुई हैं। स्कूल में पढ़ने वाले दूर - दराज से आने वाले वाले बच्चों को निजी स्कूल की तर्ज पर बस की सुविधा देय हैं। बच्चे पढ़ते तो सरकारी स्कूल में हैं, लेकिन बच्चों का हर स्तर पर ख्याल रखा जाता हैं। यह सब संभव हो पाया हैं गांव के जागरूक भामाशाहों की बदौलत। जिन्होंने सरकारी स्कूल को गोद लेकर हर संभव सुविधाएं जुटाई।



स्कूल में लंबे समय से शिक्षकों के पद खाली हैं, कुल 22 पद स्वीकृत हैं, जिनमें केवल 14 शिक्षक ही कार्यरत हैं, लेकिन स्कूल में जो शिक्षक हैं वो पूरी लग्न मेहनत से काम रहे हैं। इस बार भी विद्यालय का परिणाम शतप्रतिशत रहा। वही विद्यालय के लगभग सौ विद्यार्थी तो प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं। इसकी बदौलत स्कूल में चार सौ सत्तर का नामांकन हैं। शिक्षक बच्चों को स्कूल समय के अलावा भी पढ़ाते हैं। साथ ही पिछले दो से तीन सालों में कबड्डी के हर वर्ग ओर ऑपन प्रतियोगिताओं में भी विद्यालय चेम्पियन रहा हैं।



भामाशाह उम्मेदाराम बेनीवाल का कहना हैं कि सन् 1964 में स्थापित विद्यालय को वर्ष 1997 में माध्यमिक और वर्ष 2015 में उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया। विद्यालय अभी तीन बीघा जमीन पर पुराने भवन में संचालित है। अभी गांव के भामाशाहों के सहयोग से नया भवन भी बन रहा हैं।शुरूआत में स्कूल की स्थिति अच्छी नहीं थी। तब सुरताराम पुत्र राजूराम ने स्कूल के लिए तीन बीघा जमीन को दान किया। इसके बाद मेरा सपना था कि गांव के बच्चे एक आधुनिक स्कूल में पढ़े, स्कूल को गोद लेकर सुविधाएं जुटाई। पिछले सालों में रिजल्ट सुधरा हैं। आईसीटी कम्प्यूटर लेब हैं, जहां बच्चे गुणवत्तायुक्त शिक्षा अर्जित कर रहे हैं।



वही स्कूल में आईसीटी कम्प्यूटर लेब, वाईफाई इंटरनेट सुविधा, स्कूल समय के अलावा अतिरिक्त कालांश, सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरें, मॉर्डन टॉयलेट, सभी बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर, शीतल जल प्याऊ, विद्या की देवी माँ सरस्वती के मंदिर सहित कई सुविधाएं हैं। यहां शिक्षक अपने स्तर पर भी छात्रों को अपडेट करते हैं।



साथ ही पुनियों का तला गांव का हर घर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। यहां हर घर पक्षियाें के लिए चुग्गा पात्र अाैर दाे परिंडे बांधे गए हैं। भीषण गर्मी में पक्षियाें काे भूख-प्यास से बचाने के साथ यह गांव लाेगाें काे पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित कर रहा है। यहाँ कार्यरत व्याख्याता और स्काउट यूनिट लीडर संतोष गोदारा के प्रयासों ने पूनियों का तला गांव काे एक नई पहचान दी है। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह गांव एक मिसाल बन गया है।

पनावड़ा न्यूज़ नेटवर्क की रिपोर्ट।


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