आचार्य गुणोदयसागर ने दी दीक्षा, मनोज श्रीश्रीमाल बने मुनि गच्छोदय। Panaw...



बाड़मेर शहर में 16 अप्रैल से शुरू हुए पांच दिवसीय दीक्षा महोत्सव का शनिवार को दीक्षार्थी के दीक्षा विधान व संयम धर्म की जय-जयकार के के साथ आचार्य गुणोदयसागर, आचार्य कलाप्रभ सागर, आचार्य वीरभद्र सागर आदि साधु-साध्वियों की निश्रा में दीक्षार्थी मनोज कुमार श्रीश्रीमाल की भगवती दीक्षा सम्पन्न हुई।

प्रचार संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि संतों की निश्रा एवं चतुर्विध संघ की उपस्थिति में दीक्षा विधान के गरिमामय अनुष्ठान प्रारम्भ हुआ।

जिसमें आचार्य गुणोदयसागर ने दीक्षार्थी से बने नूतन मुनि के नाम की घोषणा की। दीक्षार्थी देव-दुर्लभ दीक्षा विधान के साथ ही मनोज श्रीश्रीमाल मुनि गच्छोदय सागर बन गए। महोत्सव समिति के संयोजक बाबूलाल श्रीश्रीमाल ने बताया कि संयम वाटिका मंगलम् ग्राउंड में आयोजित देव-दुर्लभ दीक्षा विधान के अवसर पर आचार्य गुणोदयसागर ने कहा कि संयम सभी गुणों में गुणाधिराज है। यही संयम बहुत अनमोल व बेशकीमती है। जिसके लिए स्वर्ग के देवता भी तरसते है।



प्रचार संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि मुमुक्षु मनोज श्रीश्रीमाल की दीक्षा 20 अप्रैल शनिवार सुबह ठीक 5.30 बजे मंगलम ग्राउंड संयम वाटिका में जैन संतों के सानिध्य में संपन्न हुआ। वहीं सुबह में नवकारसी एवं दोपहर में स्वामी वात्सल्य छगनी देवी मगराज श्रीश्रीमाल परिवार की ओर से आयोजन हुआ।

महोत्सव समिति के संयोजक बाबूलाल श्रीश्रीमाल ने बताया कि आचार्य गुणोदयसागर की पावन निश्रा में 16 से 20 अप्रैल तक कई धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठान आयोजित हुए।

जिसके पांचवें दिन शनिवार को मंगलम् ग्राउंड में दीक्षार्थी मनोज श्रीश्रीमाल भगवती दीक्षा के साथ ही पांच दिवसीय मांगलिक कार्यक्रम संपन्न हुए। इसी कड़ी में पांच दिवसीय दीक्षा महोत्सव में लक्ष्मी का योगदान करने वाले भामाशाहों का बहुमान तिलक, साफा, माला, श्रीफल व स्मृति-चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया।

पनावड़ा न्यूज़ नेटवर्क की रिपोर्ट।


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